Carbon Sokho Paisa Kamao Yojana 2024 - कार्बन सोखो पैसे कमाओ योजना क्या है और इसका लाभ कैसे मिलेगा
Carbon Sokho Paisa Kamao Yojana 2024 - पूर्वांचल के किसानों को 'कॉर्बन सोखो और पैसा कमाओ योजना' का लाभ मिलने जा रहा है. यह योजना दूसरे चरण के तहत वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के जिलों में जल्द ही लॉन्च की जाएगी. योजना के तहत किसानों के पेड़ों का सर्वेक्षण कराया जाएगा और उसके बाद किसानों के अकाउंट में रकम भेजी जाएगी. किसानों को प्रति पेड़ हर साल 250 रुपये से 350 रुपये तक मिलेंगे.
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव
जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वॉर्मिंग के डर के बारे में पिछले दो दशकों से चर्चा हो रही थी, और अब यह सच होने लगा है. खेती पर भी इसका असर साफ नजर आने लगा है. ग्रीन हाउस गैसेज को इस बदलाव के लिए प्रमुख कारण माना जाता है. ग्रीन हाउस गैसेज को कम करने के लिए दुनिया के कई देशों में कार्बन क्रेडिट जैसी योजनाएं चल रही हैं. भारत में भी इसी स्कीम को लागू किया गया है. अब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के किसानों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा. रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वांचल के किसान जितने अधिक पेड़ लगाएंगे, उतना ही अधिक फायदा होगा.
कार्बन सोखो पैसे कमाओ योजना में किसानों को होगा कितना फायदा
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वांचल के किसानों को 'कॉर्बन सोखो और पैसा कमाओ योजना' का फायदा मिलेगा. योजना के दूसरे चरण के तहत वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के जिलों में जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत पेड़ों का सर्वेक्षण कराया जाएगा और उसके बाद किसानों के अकाउंट में रकम भेजी जाएगी. किसानों को प्रति पेड़ हर साल 250 रुपये से 350 रुपये तक मिलेंगे.
कार्बन सोखो पैसे कमाओ योजना पहले चरण में मिला लाभ
यह योजना नई नहीं है; बल्कि साल 2023 में इसे पहले चरण के तहत राज्य के मेरठ, गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल में शुरू किया गया था. अब तक 25,140 किसानों को 202 करोड़ रुपये का लाभ मिल चुका है. योजना के दूसरे चरण में सात मंडल का चयन किया गया है, जिसमें वाराणसी और मिर्जापुर मंडल शामिल किए गए हैं.
कार्बन सोखने के आधार पर लाभ - Carbon Sokho Paisa Kamao Yojana 2024
पेड़ जितनी अधिक कार्बन-डाई-ऑक्साइड सोखेंगे, उतना ही अधिक कार्बन क्रेडिट का लाभ किसानों को मिलेगा. तेजी से बढ़ने वाले पेड़ जैसे यूकेलिप्टस (नीलगिरी), पॉपुलर, शीशम, नीम आदि पर किसानों को राशि दी जाएगी. पेड़ की कार्बन सोखने की क्षमता के आधार पर उनके अकाउंट में पैसे भेजे जाएंगे. इससे किसानों को पेड़ों की कीमत के साथ अतिरिक्त आय प्राप्त होगी. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट एक इंडीपेंडेंट एजेंसी के माध्यम से सर्वेक्षण कराएगा और फिर किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा.
कार्बन सोखो पैसे कमाओ योजना में कौन से पेड़ों को लगाया जाए
साइंटिफिक फॉर्मूले के आधार पर पेड़ की कार्बन सोखने की क्षमता तय की जाएगी, और उसी के अनुसार किसानों के अकाउंट में पैसे भेजे जाएंगे. वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पेड़ के काटे न जाने तक भुगतान किया जाएगा. सागौन और यूकेलिप्टस (नीलगिरी) के पेड़ सबसे अधिक कार्बन सोखते हैं, इसलिए इन पेड़ों के लिए अधिक पैसे मिलेंगे. अधिकारियों के अनुसार, वाराणसी मंडल में इस योजना को जल्द शुरू किया जाएगा, और किसानों और पेड़ों की पहचान की जा रही है. इसके बाद किसानों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
कॉर्बन सोखो और पैसा कमाओ योजना क्या है?
यह योजना किसानों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे वे कार्बन क्रेडिट के माध्यम से अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकें. योजना के तहत पेड़ों की कार्बन सोखने की क्षमता के आधार पर किसानों को हर पेड़ पर सालाना राशि मिलती है.
कॉर्बन सोखो और पैसा कमाओ योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और ग्रीन हाउस गैसों को अवशोषित करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है. इससे किसानों को अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी.
कॉर्बन सोखो और पैसा कमाओ योजना के तहत किसानों को कितनी राशि मिलेगी?
किसानों को प्रति पेड़ हर साल 250 रुपये से 350 रुपये तक मिलेंगे, पेड़ की कार्बन सोखने की क्षमता के आधार पर.
योजना के किस चरण में वाराणसी और मिर्जापुर मंडल को शामिल किया गया है?
वाराणसी और मिर्जापुर मंडल को योजना के दूसरे चरण में शामिल किया गया है.
योजना के पहले चरण में किस प्रकार के लाभ मिले?
पहले चरण में मेरठ, गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल के 25,140 किसानों को 202 करोड़ रुपये का लाभ मिला.
कौन से पेड़ इस योजना के तहत लाभकारी हैं?
तेजी से बढ़ने वाले पेड़ जैसे यूकेलिप्टस (नीलगिरी), पॉपुलर, शीशम और नीम इस योजना के तहत लाभकारी हैं.
पेड़ की कार्बन सोखने की क्षमता कैसे मापी जाएगी?
पेड़ की कार्बन सोखने की क्षमता एक साइंटिफिक फॉर्मूले के आधार पर तय की जाएगी, और इसी के अनुसार किसानों के अकाउंट में पैसे भेजे जाएंगे.
पेड़ों की पहचान और सर्वेक्षण कौन करेगा?
पेड़ों की पहचान और सर्वेक्षण फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा एक इंडीपेंडेंट एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा.
इस योजना के तहत किसानों को भुगतान कैसे किया जाएगा?
पेड़ों की कार्बन सोखने की क्षमता के आधार पर, किसानों को सालाना राशि उनके अकाउंट में सीधे भेजी जाएगी.
योजना में शामिल होने के लिए किसानों को क्या करना होगा?
किसानों को पेड़ लगाना होगा, और उनकी देखरेख करनी होगी. योजना के अंतर्गत उनके पेड़ों का सर्वेक्षण कराया जाएगा, और उसके आधार पर राशि प्राप्त होगी.
क्या पेड़ के काटे जाने पर भी भुगतान मिलेगा?
नहीं, पेड़ काटे न जाने तक ही भुगतान किया जाएगा. यदि पेड़ काट लिया जाता है, तो भुगतान रोक दिया जाएगा.
यह योजना किसके द्वारा संचालित की जा रही है?
यह योजना वन विभाग द्वारा संचालित की जा रही है, और इसमें कार्बन क्रेडिट की व्यवस्था के लिए एक इंडीपेंडेंट एजेंसी शामिल है.
क्या इस योजना के लिए किसी विशेष प्रकार के पेड़ लगाने की आवश्यकता है?
हां, तेजी से बढ़ने वाले पेड़ जैसे यूकेलिप्टस (नीलगिरी), पॉपुलर, शीशम और नीम पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि ये अधिक कार्बन सोखते हैं.
योजना के लागू होने से क्या लाभ होगा?
योजना के लागू होने से जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद मिलेगी, किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी, और पेड़ों की संख्या में वृद्धि होगी.
योजना का लाभ किसे मिल सकता है?
योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के किसानों को मिलेगा, जिन्होंने योजना के तहत पेड़ लगाए हैं और उनकी देखरेख की है.
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